किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन

मुजफ्फरनगर। किसानों की विभिन्न समस्याओं सहित उनके हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। जुलूस के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे कांग्रेसियों ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी मानसिकता के साथ कार्य करने के आरोप लगाते हुए राज्यपाल के नाम सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया।


बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले किसानों की विभिन्न समस्याओं लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हरेन्द्र त्यागी व शहराध्यक्ष जुनैद रउफ के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता टाउनहाल स्थित मैदान पर एकत्र हुए और यहां से नारेबाजी करते हुए जुलूस के रूप में कचहरी पहुंचे। यहां डीएम कार्यालय पर कांग्रेसियों ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी नीति के तहत कार्य करने के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।


इस दौरान हरेन्द्र त्यागी ने कहा कि किसानों की समस्याओं की ओर से राज्य सरकार आंखें बन्द कर बैठी हुई है। राज्य सरकार की अनदेखी के कारण किसान अनेक समस्याओं से घिरा हुआ है। किसानों को आज अनेक पाबंदियों के बीच परेशान किया जा रहा है। उनसे वसूली के लिए मुकदमे किये जा रहे हैं, पुराली जलाने पर मुकदमा किया जा रहा है। जेलों में डाला जा रहा है। किसानों को खुशहाली और तरक्की का सपना दिखकर उनको लूटा जा रहा है। आर्थिक संकटों से घिरने के कारण किसान आज अपने बच्चों की शिक्षा और शादी करने में भी असमर्थ नजर आता है।


उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। प्रदर्शन के उपरांत कांग्रेसियों ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कांग्रेसियों ने मांग की है कि गन्ने की फसल पर बढ़ती लागत को दृष्टिगत रखते हुए गन्ना मूल्य 450 रुपये प्रति कुन्तल कराने, पराली जलाने पर किसानों के विरुद्ध की गयी कार्यवाही को वापस लेने, गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिन की अवधि में नहीं होने के कारण ब्याज सहित भुगतान दिलाने, गन्ना किसानों को पर्ची वितरण में भेदभाव और गन्ना केन्द्रों पर तौल में घटतौली के मामलों को रुकवाने, बिजली दरों को अपने स्तर से कम करवाने और किसानों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही को समाप्त कराने की कार्यवाही की जाये।


प्रदर्शन में करने वालों में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष हरेन्द्र त्यागी, शहराध्यक्ष जुनैद रउफ, नरेन्द्र पाल वर्मा, ममनून अंसारी, धीरज महेश्वरी, इजहार महकार, काजी सुल्तान, विनोद चौहान, गीता काकरान, रिजवान सिद्दीकी, वारिस राजा, चांद मियां एडवोकेट, ईश्वर सिंह, योगेश शर्मा, गुफरान काजमी, दिलशाद त्यागी, सलीम, श्यामलाल सिंह, हर्षवर्धन त्यागी, इकराम पहलवान, मौ. यूनुस आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।